गुलाम वंश
                              (1206-1266 ईं)मुइजुदीन बहराम शाह  को गद्दी पर बैठा दिया गया।

  • बरामसा को बंदी बनाकर उसकी हत्या मई 1242 ईस्वी में कर दी गई।
  • बहराम शाह के बाद दिल्ली का सुल्तान अलाउद्दीन मसूद शाह 1242 ईसवी में बना । 
  • बलबन ने षड्यंत्र के  द्वारा 1246ईसवी में अलाउद्दीन मसूद शाह को सुल्तान के पद से हटाकर नसीरुद्दीन महमूद को सुल्तान बना दिया।नसरुद्दीन महमूद ऐसा सुल्तान था जो टोपी सीकर  कर अपना जीवन निर्वाह करता था बलबन ने अपनी पुत्री का विवाह नसरुद्दीन महमूद के साथ कर दिया था।
  • बलबन का वास्तविक नाम बहाउद्दीन का Iltutmish गुलाम था
  • बलबन ने पारसी रीति-रिवाजों पर आधारित नवरोज उत्सव का प्रारंभ करवाया।
  • बलबन 1266 ईस्वी में  गयासुद्दीन बलबन के नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा है मंगोलो के आक्रमण से दिल्ली की रक्षा करने में सफल रहा।
  •  राजदरबार में सिजदा एवं पैबोस प्रथा की शुरुआत बलबन ने की थी ।
  • अपने विरोधियों के प्रति बलबन ने कठोर लौह एवं रक्त की नीति का पालन किया ।
  • नसीरुद्दीन महमूद ने बलबन को उलगु खां की उपाधि प्रदान की बलबन के दरबार में पारसी के प्रसिद्ध कवि अमीर खुसरो अमीर हसन रहते थे।
  • गुलाम वंश का अंतिम shahbuddin kmstha था।